हर इन्सान के तीन व्यक्तित्व होते हैं,
पहला वो जो वो खुद होता है,
दूसरा वो जो वो खुद को समझता है,
तीसरा वो जो दूसरे उसको समझते हैं |
इन तीनों मॆं इन्सान हमेशा पहले व्यक्तित्व के हिसाब से ही काम करता है, जबकि वो करना हमेशा दुसरे व्यक्तित्व के जैसा चाहता है | जो इन्सान अपने पहले और दुसरे व्यक्तित्व को एक बाना लेते हैं उनका तीसरा व्यक्तित्व अपने आपने आप पहले दोनो जैसा हो जाता है |
8/12/07
तीन व्यक्तित्व
at 19:29
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